आज हम इस आर्टिकल में सीमॉस के बारे में सीखेंगे। CMOS क्या है? CMOS का full form क्या है? CMOS Battery क्या है? CMOS और BIOS में क्या अंतर है? आदि। सीमॉस की सम्पूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में आपको मिलेगी।
CMOS क्या है?
CMOS एक प्रकार की Non-Volatile Memory चिप होती है। जिसकी storage capacity 256 Bytes यानी बहुत ही कम होती है। इसमें किसी प्रकार का कोई डाटा स्टोर नहीं किया जाता है, बल्कि BIOS की सेटिंग्स स्टोर किया जाता है।
बायोस की सेटिंग्स के अलावा कंप्यूटर की Date & Time भी इसी मेमोरी में स्टोर होती है। यह एक नॉन-वोलेटाइल मेमोरी है, इसलिए कंप्यूटर शट-डाउन होने पर इसमें स्टोर डाटा भी डिलीट हो जाती, और हमें बार बार कंप्यूटर की date & time और सेटिंग्स को सेट करना पढता।
इसलिए इसमें स्टोर सभी सेटिंग्स को सुरक्षित रखने के लिए इसके साथ एक सीमॉस बैटरी भी लगायी जाती है, जो कंप्यूटर बंद होने के बाद भी सीमॉस मेमोरी को पॉवर देती रहती है , और डाटा को सुरक्षित रखती है।
सीमॉस, डिजिटल विद्युत् परिपथ तंत्र रचना की एक विशिष्ट शैली और एकीकृत (चिप्स) पर उस विद्युत् परिपथ तंत्र के क्रियान्वयन के लिए प्रयुक्त प्रक्रियाओं के श्रेणी, दोनों को संदर्भित करता है। – विकिपीडिया
CMOS is a type of metal oxide semiconductor field effect transistor (MOSFET) fabrication process that uses complementary and symmetrical pairs of p-type and n-type MOSFETs for logic functions. – Wikipedia
सीमॉस एक छोटी रैम की तरह होती है, जिसमे सभी बायोस की सेटिंग्स और इनफार्मेशन को स्टोर किया जाता है। जिससे कि हर बाद कंप्यूटर रीस्टार्ट या पॉवर ऑन होने पर कंप्यूटर इन सभी सेटिंग्स और इनफार्मेशन को याद रख सके और इन्हें configure कर सकें।
एक सीमॉस मेमोरी चिप में कंप्यूटर के हार्डवेयर की सेटिंग्स, डिस्क ड्राइव इंस्टालेशन की सेटिंग्स, सिस्टम डेट एंड टाइम और कंप्यूटर बूटिंग सीक्वेंस की इनफार्मेशन स्टोर होती है।
CMOS का Full Form क्या है?
सीमॉस का पूरा नाम “कॉम्प्लिमेंटरी मेटल ऑक्साइड सेमीकंडक्टर” होता है। इसे हिंदी में “संपूरक धातु ऑक्साइड अर्धचालक” कहते है।
CMOS – Complementary Metal Oxide Semiconductor
CMOS Battery क्या है?
सीमॉस एक टेम्पररी मेमोरी चिप है, जिसमे स्टोर सेटिंग्स और इनफार्मेशन कंप्यूटर बंद होने पर आटोमेटिक डिलीट हो जाता। इसलिए कंप्यूटर बंद होने के बाद भी इसे लगातार पॉवर मिलती है, इसके लिए एक CR2032 Cell बैटरी लगायी जाती है। जिसे CMOS Battery कहा जाता है।
CMOS Battery एक CR2032 Cell होती है, जो सीमॉस चिप को लगातार पॉवर देती रहती है। जिससे कि उसमे स्टोर डाटा डिलीट ना हो पाए। अगर आपके कंप्यूटर में सिमोस बैटरी ख़राब होगी, तो आपका कंप्यूटर बूट करने में ज्यादा समय लेगा, और आपको हर बाद डेट एंड टाइम सेट करना पड़ेगा, इसके अलावा बायोस की सेटिंग्स भी बार बार चेंज हो जाएगी।
सीमोस बैटरी की लाइफ लगभग मदरबोर्ड के बराबर होती है। ज्यादातर यही देखा गया है कि जब तक मदरबोर्ड चलती है, तब तक सीमोस बैटरी भी चलती है। लेकिन कई बार, किन्ही कारणों से सीमोस बैटरी ख़राब होते हुए भी देखा गया है।
अगर आपके कंप्यूटर में डेट एंड टाइम बार बार बदल जाता है, बायोस सेटिंग्स loss हो जाती है, या फिर सिस्टम स्टार्ट होने में या बूट होने में ज्यादा समय लगाता है, तो समझ जाइये कि आपके कंप्यूटर में सीमोस बैटरी dead यानी ख़राब हो गयी है।
CMOS का महत्त्व
CMOS एक बहुत ही महत्वपूर्ण मेमोरी चिप है, जो मदरबोर्ड में लगी होती है। भले ही इसकी स्टोरेज कैपेसिटी बहुत कम हो, लेकिन फिर भी इसका महत्त्व बहुत ज्यादा है। इसमें केवल बायोस की सेटिंग्स और कंप्यूटर की डेट एंड टाइम स्टोर होती है।
अगर एक कंप्यूटर में सीमॉस मेमोरी नहीं होगी, तो उसे बूट करने में बहुत ज्यादा समय लगेगा और ऐसे कंप्यूटर में यूजर को हर बार तारीख और समय सेट करना पड़ेगा।
इसके अलावा सीमॉस बैटरी का भी इम्पोर्टेंस बहुत ज्यादा है। जो भी डाटा सीमॉस मेमोरी में स्टोर होता है, उसे सुरक्षित रखने का काम सीमॉस बैटरी करती है। मतलब इसका काम मेमोरी को पॉवर देना होता है।
कंप्यूटर बंद होने के बाद भी यह, मेमोरी को लगातार पॉवर देता रहता है, जिससे उसमे स्टोर सभी डाटा सुरक्षित रहें। इसलिए एक कंप्यूटर के लिए सीमॉस और सीमॉस बैटरी दोनों का महत्त्व बहुत ज्यादा है।
CMOS के फायदे
चलिए अब जानते है सीमॉस के फायदे क्या है, यानी इसके advantages क्या क्या है :-
- यह सर्किट की जटिलता को कम करती है।
- यह तर्क कार्यों को high density प्रदान करती है।
- इसमें स्थैतिक बिजली की खपत कम होती है।
- इसकी शोर प्रतिरक्षा उच्च होती है।
- इसकी पॉवर कंसम्पशन बहुत ही ज्यादा low होती है।
BIOS क्या है?
BIOS एक तरह का सॉफ्टवेयर या फर्मवेयर होता हैं, जो कंप्यूटर को On करने, boot करने में मदद करता हैं। कंप्यूटर सिस्टम स्टार्ट करने पर बायोस Power On Self Test करता हैं, ये सुनिश्चित करने के लिए, कि कंप्यूटर से कनेक्टेड सभी सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं।
बायोस, कंप्यूटर में मदरबोर्ड के साथ जुड़ा एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता हैं, जो कंप्यूटर On होते ही काम करने लगता हैं। यह सिस्टम के स्टार्ट होने पर सभी हार्डवेयर जैसे – RAM, Processor, Keyboard, Mouse, इत्यादि की पहचान करके उन्हें configure करता हैं।
कंप्यूटर स्टार्ट करने पर, हमें जो पहला स्क्रीन दिखाई देती हैं, वही बायोस (BIOS) होता हैं। यह कंप्यूटर के ROM में स्टोर होता हैं। इसका मुख्य काम ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) को बूट करने का हैं। और इसके अलावा हार्डवेयर की पहचान करके उन्हें configure करने का भी काम करता हैं।
जब कंप्यूटर स्टार्ट होती है, तो बायोस, मदरबोर्ड में लगी सीमॉस setup की जाँच करता हैं। ये तय करने के लिए कि सिस्टम को किस डिवाइस से बूट कराया जाये। जिसके बाद, bios बूटिंग प्रक्रिया चलाता हैं और ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) को run करने के लिए कॉल करता हैं। जिसके बाद कंप्यूटर सिस्टम स्टार्ट हो जाता हैं, और हम काम कर पाते हैं।
CMOS और BIOS में अंतर
CMOS | BIOS |
---|---|
इसका पूरा नाम Complementary Metal Oxide Semiconductor होता है। | इसका पूरा नाम Basic Input Output System होता है। |
इसका काम BIOS की सभी सेटिंग्स को स्टोर करके सुरक्षित रखना है। | बायोस का काम कंप्यूटर को On करना, बूट करने में मदद करना और सभी हार्डवेयर को configure करना है। |
सीमॉस एक छोटी सी बैटरी होती है, जो मदरबोर्ड पर लगी होती है। | BIOS एक सॉफ्टवेयर होता है, जो EEPROM में स्टोर होती है। |
सीमॉस एक बैटरी है। | BIOS को CMOS Battery से पॉवर मिलती है। |
सीमॉस एक नॉन-वोलेटाइल मेमोरी होती है, जिसका डाटा सुरक्षित रखने के लिए सीमॉस बैटरी का इस्तेमाल होता है। | BIOS एक सॉफ्टवेयर है, जो मदरबोर्ड में लाये EEPROM चिप में स्टोर होता है। |
सीमॉस को अन्य नामो से भी जाना जाता है, जैसे :- Time Clock (RTC), Non-Volatile RAM, CMOS RAM, Etc. | BIOS को Computer Boot Process Start-Up भी कहा जाता है। |
क्या सीमॉस बैटरी में डाटा स्टोर होती है?
सीमॉस बैटरी में किसी प्रकार का डाटा स्टोर नहीं होता है। यह सिर्फ एक बैटरी है, जिसका काम यह सुनिश्चित करना है, कि सीमॉस मेमोरी चिप, जिसमे डाटा स्टोर है, यूज़ कंप्यूटर बंद होने के बाद भी लगातार पॉवर मिलती रहें।
क्या सीमॉस के दुसरे नाम भी है?
जी हाँ, CMOS को कई दुसरे नामो से भी जाना जाता है। इसे Real-Time Clock (RTC) भी कहते है। इसके अलावा इसे Non-Volatile RAM (NVRAM) या CMOS RAM भी कहा जाता है।
सीमॉस बैटरी की लाइफ कितनी होती है?
सीमॉस जल्दी ख़राब नहीं होती है और इसकी लाइफ, मदरबोर्ड की लाइफ के बराबर होती है। सीमॉस की एक स्टैण्डर्ड लाइफ लगभग 10 साल होती है। पर यह कंप्यूटर के वातावरण और उसके यूजर के आधार पर अलग हो सकती है।
मुझे कैसे पता चलेगा कि CMOS Battery dead हो गयी है?
किसी कंप्यूटर में सीमॉस बैटरी dead होने पर, वो बायोस की सेटिंग्स और डेट एंड टाइम को कंप्यूटर बंद होने के बाद स्टोर नहीं कर पायेगा। जिससे कंप्यूटर ऑन करने पर बूटिंग में ज्यादा समय लेगा, और डेट एंड टाइम भी सेट नहीं होगा।
तो दोस्तों, अब आप सीमॉस के बारे में सब कुछ जान गए होंगे। CMOS क्या है? CMOS का full form क्या है? CMOS Battery क्या है? CMOS और BIOS में क्या अंतर है? आदि। सीमॉस की पूरी जानकारी अब आपको हो गयी होगी।
उम्मीद करता हूँ कि आपको ये आर्टिकल पसंद आई होगी। और मेरे बताये गए सभी बाते आपको समझ में भी आ गयी होंगी। अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है।
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