What is Insurance? Types of Insurance? Benefits of Insurance? इंश्योरेंस से सम्बंधित और भी बहुत से सवाल है जो अक्सर कई बार परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। अगर हम इन्ही सवालों को हिन्दी में देखे तो होते है , इंश्योरेंस क्या है? इंश्योरेंस के प्रकार? इंश्योरेंस के फायदे? हमें इंश्योरेंस की भी जानकारी होनी जरूरी है। इंश्योरेंस हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। इसका लाभ हर व्यक्ति को उठाना चाहिए।
इन्सान की जिंदगी पूरी तरह से जोखिम (Risk) से भरी हुई हैं। कब क्या हो जाये, किसी को बता नहीं। तो ऐसे में हम अपने जीवन को किसी जोखिम (Risk) से बचाने (Secure करने) के लिए इंश्योरेंस करवाते हैं। तो अगर आप इंश्योरेंस के बारे में जानकारी चाहते हैं , तो आप बिलकुल सभी पोस्ट पर आये हैं। क्यूंकि मैं आपको इस पोस्ट में बताऊंगा कि इंश्योरेंस क्या हैं? इंश्योरेंस कितने प्रकार के होते हैं? इंश्योरेंस के फायदे? हमें इंश्योरेंस करवाना चाहिए या नहीं?
What is Insurance ? (इंश्योरेंस क्या हैं?)
इंश्योरेंस को अगर हम आसान सब्दों में समझे तो इसका मतलब है, “Insurance is a means of Protection from Financial Loss.” अर्थात किसी वित्तीय हानि से बचने के लिए किया गया प्रयास को इंश्योरेंस कहते हैं। हिन्दी में इंश्योरेंस को बीमा भी कहते हैं। अपने जीवन को या संपत्ति को किसी वित्तीय हानि से बचने के लिए हमें इंश्योरेंस करवाना चाहिए। इंश्योरेंस करवाने से हमारी Life और Property, Risk से Secure हो जाती हैं। आप जिनसे इंश्योरेंस लेते है, वो Insurer कहलाता हैं। और जो इंश्योरेंस खरीदता या करवाता हैं, वो Insured या Policy Holder कहलाता हैं।
इंश्योरेंस करवाने के बाद अगर इन्सान के जीवन में या संपत्ति में हानि होती है, तो वो इन्सान इंश्योरेंस कंपनी में Claim कर, अपने नुकसान या हानि का हर्जाना (Compensation) मांग सकता हैं। ऐसे में उस व्यक्ति को वित्तीय मदद मिल जाती हैं। चलिए अब जानते हैं, इंश्योरेंस के फायदे। इंश्योरेंस करवाने के क्या फायदे हो सकते हैं।
Benefits of Insurance ? (इंश्योरेंस के फायदे)
इंश्योरेंस के अपने अनेक फायदे हैं। हर इन्सान को इंश्योरेंस करवाना चाहिए, क्यूंकि ये Risk से Protection दिलाती हैं। और सिर्फ इसलिए ही नहीं, बल्कि इसके और भी अनेक फायदे हैं। जो आप निचे पॉइंट्स में पढ़ सकते हैं। :-
1) आप किसी भी चीज क बीमा करवा सकते हैं। और अगर वो ख़राब या दुर्घटना ग्रस्त हो जाती है, तो इंश्योरेंस कंपनी द्वारा उसकी भरपाई हो जाती हैं।
2) अगर दुर्घटना में इन्सान को काफी गंभीर चोटें आई हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी द्वारा उसकी पालिसी की मदद से अस्पताल का पूरा खर्च उठाया जाता हैं।
3) वित्तीय हानि (Financial Loss) को कई गुणा तक कम करने में योगदान करता हैं।
4) Vehicle जैसे कि :- बाइक, कार, आदि के एक्सीडेंट होने पर उसकी भरपाई करना।
5) व्यक्तिगत आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना।
6) Commercial, Industrial, और Community को Financial Stability प्रदान करना।
7) मानसिक शान्ति और सुरक्षा प्रदान करना।
Types of Insurance (इंश्योरेंस के प्रकार)
इंश्योरेंस क्या हैं? ये हम ने सीख लिया। इंश्योरेंस के फायदे भी हमने सीख लिये। अब हम सीखेंगे इंश्योरेंस कितने प्रकार के होते हैं। वैसे तो इंश्योरेंस कई प्रकार के होते हैं। और सभी प्रकार को एक पोस्ट में बताना या समझाना मुस्किल होगा। पर हम सभी जरूरी और महत्पूर्ण प्रकार को इस पोस्ट मे बताएँगे। तो चलिए देख लेते हैं कि इंश्योरेंस कितने प्रकार के होते हैं। :-
1) Life Insurance (जीवन बीमा)
लाइफ इंश्योरेंस यानी जीवन बीमा। अपने जीवन को किसी वित्तीय हानि (Financial Risk) से बचाने के लिए, किया गया इंश्योरेंस Life Insurance यानी जीवन बीमा कहलाता हैं। Life Insurance यानी जीवन बीमा करवाने से, अगर कभी व्यक्ति किसी दुर्घटना में घायल हो जाता है या काफी ज्यादा गंभीर चोटें आ जाती हैं। तो ऐसे में इंश्योरेंस कंपनी द्वारा उस व्यक्ति की हॉस्पिटल में पूरा खर्च उठाया जाता हैं।
और अगर दुर्घटना में व्यक्ति की मृत्यु हो जाती हैं तो उसके परिवार में से Nominee (नॉमिनी) को इंश्योरेंस कंपनी द्वारा, Terms & Conditions के अनुसार एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाता हैं। लेकिन ये राशि उतनी ही दी जाएगी जितनी उस व्यक्ति ने इंश्योरेंस पालिसी करवाया होगा। इन्सान के जीवन का कोई भरोसा नहीं होता इसलिए अधिकतर लोग अपने परिवार के लिए इस इंश्योरेंस को लेते हैं। ताकि उनके जाने के बाद उसके परिवार को पैसो की दिक्कत न हो। और उसकी मदद हो सके।
लाइफ इंश्योरेंस के कुछ प्रकार :-
i) Term Insurance (टर्म इंश्योरेंस)
ii) Endowment Insurance Policy (एंडोमेंट इंश्योरेंस पालिसी)
iii) ULIP – Unit Linked Insurance Policy (यूलिप)
iv) Money Back Policy (मनी बेक पालिसी)
2) General Insurance (जेनेरल इंश्योरेंस)
जेनेरल इंश्योरेंस को हम Vehicle Insurance (व्हीकल इंश्योरेंस) भी कहते हैं। इसमें हम अपने गाड़ियों जैसे :- बाइक, कार, ऑटो, ट्रेक्टर, ट्रक, बस, आदि किसी भी प्रकार की गाड़ियों का इंश्योरेंस करवा सकते हैं। अगर किसी दुर्घटना में हमारे गाड़ियों को नुकसान पहुचती हैं, तो ऐसे में हम इंश्योरेंस कंपनी द्वारा इसकी हर्जाना (Compensation) मांग सकते हैं। और कंपनी अपने Terms & Conditions के अनुसार हमें हर्जाना देती हैं। व्हीकल इंश्योरेंस दो प्रकार की होती है।
i) Third Party Insurance :- इस इंश्योरेंस में अगर आपकी गाडी से दुर्घटना होती है, और सामने वाली गाडी और ड्राईवर को नुकसान होता हैं, तो ऐसे में इंश्योरेंस कंपनी उनकी पूरी भरपाई करके देती हैं। लेकिन आपके गाडी या आपको नुकसान होने पर किसी प्रकार का Claim नहीं देती। इसलिए इसे Third Party Insurance कहते हैं।
ii) Full Party Insurance :- इस इंश्योरेंस में दुर्घटना होने पर सभी के नुकसान जैसे :- गाडी, ड्राईवर, सामने वाली गाड़ी और ड्राईवर, आदि की भरपाई इंश्योरेंस कम्पनी द्वारा की जाती हैं। इसमें दोनों पार्टी के नुकसान को कंपनी द्वारा भरपाई किया जाता हैं, इसलिए इसे Full Party Insurance कहते हैं। Full Party Insurance को Standard Motor Insurance भी कहते हैं।
3) Health Insurance (हेल्थ इंश्योरेंस)
Health Insurance को स्वास्थ्य बीमा भी कहते हैं। ये बीमा भी जीवन बीमा की तरह ही होती हैं। पर उससे काफी अलग है। आप इस बीमा को अपने Income के base पर खरीद सकते हैं। मतलब व्यक्ति के आमदनी के हिसाब से स्वास्थ्य बीमा खरीदी जाती हैं। व्यक्ति अपने मेडिकल और सर्जिकल खर्चों को इस बीमा से बचा सकता हैं। अगर व्यक्ति बीमार हैं, या सर्जरी करवानी है या मेडिकल ट्रीटमेंट चल रही हैं तो स्वास्थ्य बीमा करवाने से इन सभी के बिल का भुगतान करने में मदद मिलती हैं। इसलिए ये बीमा भी इन्सान के लिए जरूरी होती हैं।
4) Crop & Farmer Insurance (क्रॉप और फार्मर इंश्योरेंस)
ये इंश्योरेंस किसानो के लिए बहुत महत्पूर्ण होती हैं। वैसे तो मौसम का कोई भरोसा नहीं होता, कभी बरसात होती हैं तो कभी नहीं। ऐसे में फसल के नुकसान होने का खतरा बढ़ जाती हैं। तो अगर इंसान क्रॉप इंस्योरेंस या फार्मर इंस्योरेंस खरीदता है, तो फसल में होने वाली नुकसान का Risk कम हो जाती हैं। क्रॉप इंस्योरेंस या फार्मर इंस्योरेंस लेने के बाद अगर व्यक्ति के फसल में नुकसान होता है, तो इंस्योरेंस कंपनी Terms & Conditions के अनुसार इसकी भरपाई करेगी। इसलिए हर किसान के लिए ये इंस्योरेंस जरूरी होती है।
Other Insurance
5) Home Insurance
6) Travel Insurance
7) Liability Insurance
8) Pet Insurance
9) Fire Insurance
10) Property Insurance
11) Flood Insurance
12) Deposit Insurance
13) Shipping Insurance
14) Credit Insurance
15) Mortgage Insurance
16) Etc.
Conclusion
तो दोस्तो, अब आप जान गए होंगे कि, इंस्योरेंस क्या हैं? (What is Insurance?), इंस्योरेंस के प्रकार? (Types of Insurance), इंस्योरेंस के फायदे? (Benefits of Insurance). उम्मीद करता हूँ की आपको पोस्ट पसंद आई होगी। और मेरे बताये गए सभी बाते आपको समझ में भी आ गयी होंगी। अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है। पोस्ट पसंद आई हो तो प्लीज इस पोस्ट को अपने सभी दोस्तों के साथ सोशल मीडिया में जरूर शेयर करें। इसके अलावा THG को Follow करके सभी नए पोस्ट की जानकारी लगातार प्राप्त कर सकते है।
Thanks / धन्यवाद
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