डाटाबेस और डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम क्या हैं? What is DBMS? DBMS के प्रकार और इसका उपयोग

हेलो दोस्तो, डाटाबेस क्या हैं? डाटाबेस मैनेजमेंट क्या हैं? आज हम इस आर्टिकल में डाटाबेस के बारे में सीखेंगे। DBMS क्या हैं?  डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के प्रकार? DBMS के उपयोग? इत्यादि। जितने भी DBMS से सम्बंधित सवाल हैं, उन सभी के जवाब आपको आज इस पोस्ट में मिल जाएंगी। वेबसाइट, सॉफ्टवेयर, गेम, वीडियो, फाइल, हर जगह डाटा होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये सभी डाटा को कहां रखा जाता हैं। तो आपको बता दें ये सभी डाटाबेस की मदद से ही संभव हो पाता है।

डाटाबेस और डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम क्या हैं? What is DBMS? DBMS के प्रकार और इसका उपयोग

डाटा क्या हैं? (What is Data?)

डेटाबेस को समझने से पहले हमें यह जानना होगा कि डाटा क्या है? डाटा किसी भी information और raw facts का एक छोटा सा हिस्सा होता है। डाटा वह raw facts हैं जिसका स्वयं कोई अर्थ नहीं होता लेकिन इसका value होता है। कोई भी number, text, letters, image, audio, video, etc. डाटा हो सकता है। जब इन सभी डाटा को किसी form में व्यवस्थित करते हैं, तो यह information बं जाते हैं।

डाटा के प्रकार? (Types of Data?)

चलिए आप समझते हैं डाटा कितने प्रकार के होते हैं? कंप्यूटर में स्टोर किए जाने वाले डाटा को हम निम्नलिखित वर्गों में बांट सकते हैं :

1) संख्यात्मक डाटा (Numerical Data)

यह 0 से लेकर 9 तक (Total 10) numbers से मिलकर बनते हैं। संख्यात्मक डाटा पर अंकगणितीय क्रियाएं की जा सकती है। किसी क्लास में students की संख्या या परीक्षा में उनका प्राप्तांक संख्यात्मक डाटा है।

2) अक्षर डाटा (Alphabetic Data)

यह डाटा वर्णमाला (Alphabet) के सभी अक्षरों से मिलकर बना होता है। जैसे – अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर (A से Z) और हिंदी वर्णमाला के अक्षर (क से ज्ञ) इत्यादि होते हैं। किसी क्लास के स्टूडेंट्स का पता या उनका नाम अक्षर डाटा है।

3) अक्षर संख्यात्मक डाटा (Alpha Numeric Data)

यह डाटा सभी numbers, alphabet, special characters और symbol से मिलकर बनता हैं। इसमें अंकगणितीय क्रियाएं नहीं की जा सकती, पर इनकी तुलना की जा सकती है। जैसे – क्लास के स्टूडेंट्स का पता अक्षर संख्यात्मक डाटा हो सकते हैं।

4) ध्वनि डाटा (Sound Data)

ध्वनि डाटा वह डाटा होती है जिसमें आवाज मौजूद होती है। कंप्यूटर में स्टोर किए गए सभी प्रकार की फाइल जिसमें आवाज (Audio) होती है, साउंड डाटा कहलाता हैं। जैसे – mp3 file, wav format की file, etc.

5) लिखाचित्र डाटा (Graphics Data)

ग्राफिक डाटा में इमेजेस, चित्र, लिखा चित्र या ग्राफ के रूप में स्टोर किए गए डाटा शामिल होते हैं।

6) चलचित्र डाटा (Video Data)

वीडियो डाटा में सभी प्रकार के चलचित्र (Moving Pictures) शामिल होते हैं।

डेटाबेस क्या है? (What is Database?)

डेटाबेस कई सारे डाटा का समूह होता है। जिन्हें किसी विशेष उद्देश्य के लिए एक स्थान पर व्यवस्थित तरीके से स्टोर किया जाता है। डाटा को व्यवस्थित कर उसे एक स्थान पर स्टोर करके रखा जाता है ताकि उससे विभिन्न सूचनाएं प्राप्त की जा सकें और उनका आवश्यकता अनुसार उपयोग किया जा सकता है। एक ही डेटाबेस का उपयोग एक से अधिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

चलिए डेटाबेस को हम एक उदाहरण से समझते हैं – MS Excel का इस्तेमाल किसी डाटा को बनाने के लिए किया जाता है। जैसे हम एम एस एक्सेल में किसी डाटा को बनाने के लिए एक टेबल बनाते हैं और कई सारे column और rows बनाकर उसमें डाटा को आवश्यकता अनुसार व्यवस्थित कर स्टोर करते हैं। जिससे हमारा काम आसान हो जाता हैं। ठीक इसी तरह डाटाबेस में भी डाटा को एक टेबल में स्टोर किया जाता हैं, जिसमें कई सारे अलग अलग rows और column होते हैं, जिस वजह से उन डाटा का उपयोग करना आसान हो जाता हैं।

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम क्या है? (Whats is Database Management System?)

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम को हम शॉर्ट में DBMS भी कहते हैं। DBMS को अगर हम आसान शब्दों में समझें तो यह एक ऐसी प्रणाली है जिसमें डाटा को मैनेज किया जाता है। डेटाबेस मन में सट्टा में एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो कंप्यूटर का उपयोग करके डिजिटल डाटा को व्यवस्थित करने (Manipulate), उसमें परिवर्तन करने (Edit), उसे अपडेट करने, डाटा को शेयर करने, पुराने डाटा को डिलीट करने और नये डाटा को स्टोर करने का कार्य करता है।

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम कई सारे Authorized Users को अलग-अलग उद्देश के लिए डाटा और सूचना शेयर करने की सुविधा उपलब्ध कराता है। डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम कंप्यूटर का यूज करके Facts को एक स्थान पर स्टोर करने तथा Authorized Users द्वारा उनका यूज़ करने की व्यवस्था है। यह डेटाबेस में स्टोर डाटा के लिए data types और structures को specify करता है।

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DBMS की विशेषताएं (Characteristics of DBMS)

डाटा स्टोर करना

DBMS यानी डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम किसी भी प्रकार के डाटा को स्टोर करने में सक्षम होता है। डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में केवल नाम और पते का डाटा ही नहीं बल्कि Actual दुनिया में मौजूद किसी भी प्रकार के डाटा को स्टोर किया जा सकता हैं।

Backup और Recovery

डेटाबेस कभी भी खराब होने जैसी समस्याएं आ सकती है। ऐसी स्थिति में अगर डाटा को Recover नहीं किया जा सका तो निश्चित रूप से नुकसान होगा। इसलिए डेटाबेस में बैकअप और रिकवरी की विशेषता उपलब्ध होती है।

Low Data Redundancy

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम किसी भी प्रकार के डाटा को नॉर्मल तरीके से स्टोर करने के नियमों का पालन करती है जिस कारण Data Redundancy अर्थात डाटा का डुप्लीकेशन (Duplication) होने की संभावना कम हो जाता है।

Data Integrity और Security

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में डाटा स्टोर होने से पहले उसकी Quality और Reliability को बढ़ाता है। DBMS कि सिक्योरिटी बहुत ही हाई लेवल की होनी चाहिए इसलिए यह डेटाबेस में Unauthorized Access को रोकता है और इसे अधिक सुरक्षित बनाता है।

Data Independence

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में स्टोर किए गए डाटा का हर एक value एक दूसरे से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर होना चाहिए जिससे कि यह कोई भी प्रोग्राम डाटा के किसी भी part का स्वतंत्रता पूर्वक उपयोग करने में सक्षम हो।

Data की Privacy

डेटाबेस में डाटा की गोपनीयता बनाए रखने के लिए यह निर्धारित किया जाता है कि कौन किस डाटा को किस सीमा तक देख (View) सकता है या परिवर्तित (Modify) कर सकता है। इस प्रकार किसी महत्वपूर्ण या व्यक्तिगत डेटा की गोपनीयता (Privacy) सुनिश्चित की जाती है।

Data Inconsistency
डेटाबेस में अलग-अलग स्थानों पर किसी एक ही Fact का अलग-अलग Value होना Data Inconsistency कहलाता है। इससे एक ही विषय पर दो अलग-अलग रिजल्ट्स प्राप्त हो सकते हैं। किसी भी डाटाबेस में Data Inconsistency नहीं होनी चाहिए इसलिए इसे डाटाबेस में Data Redundancy को रोककर Data Inconsistency को समाप्त किया जा सकता है।

डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के प्रकार (Types of DBMS)

1) Relational Database

इसमें डाटा को टेबल्स (Tables) के कलेक्शन के रूप में स्टोर किया जाता है। इन टेबल्स में Rows और Columns होते हैं। इसमें डाटा को खोजना बहुत ही आसान हो जाता है और इसे रिलेशनल इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इसमें स्टोर डाटा सभी टेबल्स के बीच कुछ ना कुछ संबंध रखते हैं।

2) Network Database

इस प्रकार के डेटाबेस मॉडल में डाटा को रिकॉर्ड के कलेक्शन के रूप में स्टोर किया जाता है। इन रिकॉर्ड में आपस में लिंक (Links) द्वारा संबंध होते हैं। इस प्रकार के संबंध को many to many relationship कहां जाता है। इसमें एक child network के एक से अधिक parent भी हो सकते हैं।

3) Hierarchical Database

इसमें भी डाटा को रिकॉर्ड के कलेक्शन के रूप में स्टोर किया जाता है, लेकिन सभी रिकॉर्ड आपस में tree के समान होते है, इसलिए सभी रिकॉर्ड आपस में पदानुक्रम (tree like structure) से जुड़े होते हैं। यह सबसे पुराना और लोकप्रिय डाटा मॉडल है इसमें डाटा मैनिपुलेशन लैंग्वेज (Data Manipulation Language) सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है। इसमें एक parent के कई सारे child हो सकते हैं लेकिन एक child का केवल एक ही parent होता है, इस प्रकार के रिलेशनशिप को one to many relationship कहा जाता हैं।

4) Object Oriented Database

डेटाबेस में डाटा को इस प्रकार के मॉडल में object के रूप में स्टोर किया जाता है। यहां पर दो या उससे अधिक objects के बीच अलग-अलग प्रकार के संबंध हो सकते हैं। इस प्रकार के डेटाबेस को बनाने के लिए object oriented programming language की जरूरत पड़ती है।

डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर कौन कौन से है?

MySQL
SQLite
Microsoft SQL Server
Oracle
Microsoft Access
dBASE
IBM DB2
PostgreSQL
Foxpro
MariaDB
NoSQL

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम का कहां-कहां पर उपयोग होता है?

Banking
Airlines
Telecommunication
Railway reservation system
Library management system
School college university
Social media sites
Military
Manufacturing
Online shopping
HR management, Etc.

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के Components

1) Data : डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) का पहला कॉम्पोनेंट डाटा है। जो किसी भी प्रकार के डाटा को डेटाबेस में स्टोर करने में सक्षम है। जैसे – number, character, date, Name, address, etc.

2) Hardware :- डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम का दूसरा कॉम्पोनेंट है हार्डवेयर। मतलब यह कि डेटाबेस में डाटा को स्टोर करने के लिए सभी प्रकार के हार्डवेयर डिवाइसेज की भी आवश्यकता पड़ती है। जैसे – computer, storage device, input output device, etc.

3) User : डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम का तीसरा कॉम्पोनेंट है यूजर। डेटाबेस में डाटा को स्टोर करने के लिए यूजर का होना जरूरी है, क्योंकि बिना यूजर के किसी भी डाटा को स्टोर कर पाना असंभव है। क्योंकि डाटा जहां पर स्टोर किए जाते हैं वह एक मशीन है, आरा मशीन स्वयं कार्य नहीं करते। यूजर के अंदर तीन प्रकार के यूजर हो सकते हैं।

         i) Database Administrator
        ii) Application Programmer
       iii) End User

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के फायदे (Advantages of DBMS)

Data redundancy को कम करता है।
DBMS Multi User Environment को support करता है।
डेटाबेस में डाटा को सिक्योर रखना बहुत ही आसान होता है।
Authorized Users के बीच डाटाबेस को शेयर करना आसान होता है।
Unauthorized Users से डाटा को सिक्योर रखता है।
इसमें डाटा की गोपनीयता बनी रहती है।
डेटाबेस मैं डाटा इनकंसिस्टेंसी नहीं होती है।
इसमें Application Development मैं भी बहुत ही कम समय लगता है।

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डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के नुकसान (Disadvantages of DBMS)

डेटाबेस Administrator, Programmer, Operator जैसे कई स्टार्स की जरूरत पड़ती है। और इन्हें इसके लिए एक अच्छी ट्रेनिंग देना जरूरी होता है।
☆ DBMS एक काफी बड़ा सॉफ्टवेयर है, इसलिए इसे सही तरीके से चलाने के लिए एक High Configuration System की जरूरत पड़ती है जो काफी ज्यादा Costly हो सकती है।
DBMS में सभी डाटा एक ही डेटाबेस में स्टोर किया जाता है इसलिए Database Failure की संभावना अधिक हो जाती है।
हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर काफी ज्यादा costly होते हैं।

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तो दोस्तों, अब आप सीख गए होने की डाटाबेस क्या हैं? डाटाबेस मैनेजमेंट क्या हैं?  DBMS क्या हैं?  डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के प्रकार? DBMS के उपयोग? इत्यादि। उम्मीद करता हूँ की आपको पोस्ट पसंद आई होगी। और मेरे बताये गए सभी बाते आपको समझ में भी आ गयी होंगी। अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है। पोस्ट पसंद आई हो तो प्लीज इस पोस्ट को अपने सभी दोस्तों के साथ सोशल मीडिया में जरूर शेयर करें। इसके अलावा THG को Follow करके सभी नए पोस्ट की जानकारी लगातार प्राप्त कर सकते है। 
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