आजकल हर क्षेत्र में इंटरनेट का ही बोल बाला हैं। इंटरनेट, हमारे दैनिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हो गया है। या यह कह सकते हैं कि इंटरनेट के विकास से हम अपने जीवन के हर पहलू में उन्नति कर रहे हैं। इंटरनेट की मदद से ना केवल हमारे काम आसान हो रहे हैं, बल्कि समय की भी खूब बचत हो रही है। तो चलिए जानते हैं कि आज के युग में इंटरनेट का उपयोग कहां-कहां हो रहा है। लेकिन उससे पहले इंटरनेट क्या है? यह भेजा ना हमारे लिए बहुत जरूरी है।
इन्टरनेट क्या हैं? (What is Internet?)
अगर हम आसान शब्दों में समझें तो इंटरनेट, विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क है। यह एक ऐसा नेटवर्क है, जिसके माध्यम से एक कंप्यूटर, विश्व के किसी भी अन्य कंप्यूटर से कनेक्ट हो सकता है, और कम्युनिकेट (Communicate) कर सकता है। आज के समय में इंटरनेट की उपयोगिता काफी ज्यादा बढ़ गई है। आज इंटरनेट के उपयोग को देखते हुए इसे लगभग सभी शहरों और यहां तक कि गांवों में भी इसकी सुविधा उपलब्ध हो गई है।
सामान्य रूप से कंप्यूटर को टेलीफोन लाइन द्वारा इंटरनेट से जोड़ा जाता है। लेकिन इसके अलावा और भी बहुत से आधुनिक साधन है जिसके जरिए कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ा जा सकता है। इंटरनेट किसी कंपनी या सरकार के स्वामित्व में नहीं होती है, बल्कि इसमें बहुत से सर्वर (Server) जुड़े रहते हैं, जो कई सारे अलग-अलग institute या कंपनी के हो सकते हैं। कुछ पापुलर इंटरनेट सर्विसेज है जैसे – gopher, FTP – File Transfer Protocol, WWW – World Wide Web, इन सभी का प्रयोग इंटरनेट में इंफॉर्मेशन प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
इंटरनेट सूचना तकनीकी (Information Technique) की सबसे आधुनिक प्रणाली (Modern System) हैं। इंटरनेट दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है। इसे आप विभिन्न कंप्यूटर नेटवर्क ओं का एक विश्व स्तरीय समूह खा सकते हैं। पूरी दुनिया से इस नेटवर्क में हजारों और लाखों कंप्यूटर एक दूसरे के साथ जुड़े रहते हैं। यह एक ग्लोबल कंप्यूटर नेटवर्क होता है, जो कई प्रकार के सूचना और संचार सुविधाए प्रदान करती है। असल में यह इंटरकनेक्टेड नेटवर्क (Interconnected Network) का एक बहुत बड़ा जाल होता है।
इंटरनेट, Client Server Architecture पर based होता है। जिसमें, जिस कंप्यूटर मोबाइल डिवाइस में इंफॉर्मेशन का यूज किया जाता है वह क्लाइंट (Client) कहलाते हैं और जहां पर सभी इंफॉर्मेशन सुरक्षित रखी जाती है उन्हें सर्वर कहा जाता है। जैसा की आप सभी जानते होंगे कि इंटरनेट पर मौजूद सूचनाओं को देखने या पढ़ने के लिए हम वेब ब्राउज़र (Web Browser) का इस्तेमाल करते हैं इन्हे Client Program कहते हैं। वेब ब्राउज़र का इस्तेमाल करके इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न सेवाओं का यूज कर सकते हैं।
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इन्टरनेट का महत्व (Importance of Internet)
इंटरनेट का उपयोग, आज के इस डिजिटल युग में लगभग सभी क्षेत्रों में होता है, ऐसे में आप समझ सकते हैं कि इंटरनेट का महत्व हमारे दैनिक जीवन में कितना हो सकता है। आज लगभग करोड़ों अरबों लोग विभिन्न कार्यों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
➧ इंटरनेट की मदद से किसी भी सूचना को विश्व स्तर पर प्रकाशित किया जा सकता है।
➧ इंटरनेट की मदद से दूर बैठे उपयोगकर्ताओं के मध्य संवाद हो सकता है।
➧ इंटरनेट के द्वारा विश्व के किसी भी देश में किसी कंपनी, संस्था या व्यक्ति से तुरंत संपर्क स्थापित कर सकते हैं।
➧ इंटरनेट के जरिए ही शिक्षा के साथ मनोरंजन को जोड़कर शिक्षारंजन प्रदान करना संभव हो पाया है।
➧ रेल यातायात, विमान यातायात के टिकट से लेकर बैंकिंग सुविधाओं तक आज सभी कुछ इंटरनेट के माध्यम से ही संभव हो रहा है।
➧ अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं के आवेदन पत्र से लेकर रिजल्ट तक की सभी जानकारी इंटरनेट पर ही उपलब्ध होती है।
➧ सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों ने तो दुनिया में धूम ही मचा दी है, इसके जरिए कोई भी उपयोगकर्ता दुनिया में किसी से भी चैटिंग कर सकता है, फोटो, वीडियो, इत्यादि सेंड कर सकता है।
इन्टरनेट के उपयोग (Uses of Internet)
वैसे तो आज के इस आधुनिक और डिजिटल युग में इंटरनेट का इस्तेमाल लगभग हर क्षेत्र में होता है। ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं होगा जहां पर इंटरनेट का उपयोग नहीं होता है। इन्टरनेट का उपयोग सभी क्षेत्रों में हो रहा हैं, ऐसे में सभी क्षेत्रों के बारे में लिख पाना संभव नहीं हैं। यहाँ पर हम कुछ लोकप्रिय क्षेत्रों के बारे में बता रहे हैं, जहाँ पर इंटरनेट का उपयोग होता हैं। इन्टरनेट के उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में होते है :-
1) ई-मेल (e-mail)
ई-मेल (Electronic Mail) इंटरनेट पर कम खर्च में तीव्र गति से मैसेज भेजने या प्राप्त करने का एक लोकप्रिय साधन है। ई-मेल Client Server Model पर काम करता है। ई-मेल संदेश, एक साथ एक या अधिक व्यक्तियों को भेजा जा सकता है। ई-मेल संदेश के साथ टेक्स्ट, फोटो, ऑडियो या वीडियो फाइल संकलन करके भेजा जा सकता है जिसे अटैचमेंट (Attachments) कहते हैं। भेजे गए ई-मेल की एक कॉपी भेजने वाले की ई-मेल अकाउंट पर भी उपलब्ध होता है, जिसे बाद में देखा (View), परिवर्तित (Edit), किया पुन: भेजा (Forward) या डिलीट (Delete) किया जा सकता है। ई-मेल के विकास का श्रेय अमेरिकी वैज्ञानिक रे टॉमलिंसन (Ray Tomlinson) को जाता है।
ई-मेल की तुलना परंपरागत डाक व्यवस्था से की जा सकती है। ई-मेल की सुविधा प्राप्त करने के लिए प्रत्येक उपभोक्ता का एक ई-मेल एड्रेस (E-Mail Address) होता है, जिसे ई-मेल सर्विस प्रोवाइडर के पास ईमेल खाता (E-Mail Account) खोलकर प्राप्त किया जा सकता है। उपयोगकर्ता अपने ई-मेल एड्रेस तथा पासवर्ड का प्रयोग करके ईमेल सर्वर से जुड़ता है जिसे लॉग इन (Login) कहते हैं। इसके बाद हम दिए गए ई-मेल एड्रेस पर संदेश (Message) भेज सकते हैं।
ईमेल सर्वर प्रत्येक ई-मेल खाताधारी (E-Mail Account Holder) को एक निश्चित मेमोरी प्रदान करता है, जिसे मेल बॉक्स (Mail Box) कहा जाता है। ई-मेल सेवा भेजे गए संदेश को प्राप्तकर्ता के मेल बॉक्स में डाल देता है। इस प्रकार, संदेश पाने के लिए प्राप्तकर्ता का तत्काल कंप्यूटर पर उपस्थित होना आवश्यक नहीं है। प्राप्तकर्ता अपनी सुविधा अनुसार इंटरनेट के जरिए संदेश को सर्वर से डाउनलोड किए बिना अपनी मेल बॉक्स खोल कर संदेश पड़ सकता है। इंटरनेट पर ई-मेल द्वारा संदेश भेजने के लिए SMTP (Simple Mail Transfer Protocol) का प्रयोग किया जाता है, जबकि संदेश प्राप्त करने के लिए POP (Post Office Protocol) का प्रयोग किया जाता है।
1.1) ई-मेल एड्रेस (E-Mail Address)
ई-मेल एड्रेस को ई-मेल सर्वर पर अपना account खोलकर प्राप्त किया जा सकता है। ई-मेल सेवा में प्रत्येक उपयोगकर्ता का एक विशेष (Unique) ई-मेल एड्रेस होता है। ई-मेल अकाउंट खोलते समय उपयोगकर्ता अपना User Name चुनता है। अगर वह Username पहले से प्रयोग में हैं, तो ई-मेल सर्विस प्रोवाइडर कोई अन्य Username चुनने का विकल्प देता हैं।
1.2) एड्रेस बुक (Address Book)
ई-मेल सेवा में बने एड्रेस बुक में ईमेल एड्रेस किया जाता है जिसे जरूरत पड़ने पर मेल भेजा जा सकता है। एड्रेस बुक में स्टोर किए गए ईमेल एड्रेस को दोबारा टाइप करने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि उसे सिलेक्ट करके To, CC या BCC बॉक्स में डाला जा सकता है।
1.3) मेलिंग लिस्ट (Mailing List)
यह ई-मेल की एक विशेषता है, जिसके द्वारा कोई संदेश कई लोगों को एक साथ भेजा जा सकता है। मेलिंग लिस्ट में प्राप्तकर्ताओ की ई-मेल ऐड्रेस स्टोर रहते हैं। जब किसी संदेश को मेलिंग लिस्ट में भेजा जाता है, तो ईमेल सर्वर उस संदेश को मेलिंग लिस्ट में उपलब्ध सभी ईमेल एड्रेस को स्वयं ही भेज देता है।
1.4) अटैचमेंट (Attachment)
किसी ईमेल के साथ टेक्स्ट, टेबल, ग्राफिक्स, एनिमेशन, ऑडियो या वीडियो युक्त किसी फाइल को जोड़ कर भेजा जा सकता है, जिसे अटैचमेंट (Attachment) कहते हैं। ई-मेल विंडो में पेपर क्लिप के चित्र वाला आइकन (Icon) होता है, जिस पर क्लिक करने से अटैचमेंट डायलॉग बॉक्स (Attachment Dialogue Box) खुलता है। इसमें अटैच किए जाने वाले फाइल का नाम तथा मेमोरी में उसका लोकेशन डालने पर वह फाइल ई-मेल के साथ जुड़ जाता है। जिस ईमेल के साथ कोई अटैचमेंट होता है, उसके साथ एक पेपर क्लिप का आइकन बना रहता है।
1.5) सिग्नेचर (Signature)
ई-मेल संदेश के अंत में कोई विशेष अभिवादन या सूचना (यूजर नेम, ई-मेल एड्रेस, फोन नंबर आदि जोड़ी जा सकती है, जिसे सिग्नेचर (Signature) कहा जाता है। ई-मेल के सिग्नेचर आइकन में पेन का चित्र बना होता है। इस पर क्लिक करने से संदेश के साथ सिग्नेचर स्वयं जुड़ जाता है। यह ईमेल संदेश को आत्मीयता का स्वरूप प्रदान करता है।
1.6) कार्बन कॉपी (Carbon Copy – CC)
किसी मैसेज को अगर ई-मेल के जरिए एक या अधिक व्यक्तियों को सूचनार्थ भेजना होता है तो उसका ईमेल एड्रेस कार्बन कॉपी (CC) कॉलम में लिखा जाता है। कार्बन कॉपी बॉक्स में अंकित पते पर ईमेल पाने वाला यह जान सकता है कि उक्त ईमेल उसके अतिरिक्त और किस-किस पते पर भेजा गया है।
1.7) ब्लाइंड कार्बन कॉपी (Blind Carbon Copy – BCC)
यह कार्बन कॉपी (cc) के समान ही होता है। CC और BCC में अंतर यह है कि कार्बन कॉपी द्वारा भेजे गए संदेश में प्राप्तकर्ता को यह पता होता है कि यह संदेश अन्य किन किन लोगों को भेजा गया है। दूसरी तरफ ब्लाइंड कार्बन कॉपी (BCC) में प्राप्तकर्ता को यह पता नहीं चल पाता कि यह संदेश अन्य किन किन व्यक्तियों को भेजा गया है।
2) चैटिंग (Chatting)
इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर द्वारा दो या अधिक व्यक्तियों को आपस में की-बोर्ड के माध्यम से बातचीत करना है चैटिंग कहलाता है। इसमें दूर बैठे व्यक्ति के साथ चैट सर्वर के जरिए संपर्क स्थापित करके की-बोर्ड पर अपने विचारों को टाइप किया जाता है। की-बोर्ड द्वारा टाइप किया गया संदेश उस चैनल से जुड़े सभी उपयोगकर्ताओं के मॉनिटर पर प्रदर्शित होता है। इसमें दोनों उपयोगकर्ताओं का कंप्यूटर पर उपस्थित होना आवश्यक है। उपयोगकर्ता किसी भी चैनल से जुड़कर उस चैनल पर उपस्थित सभी लोगों या किसी एक से कीबोर्ड के माध्यम से बातचीत कर सकता है तथा दूसरों द्वारा की गई बात को मॉनिटर पर पड़ सकता है। उपयोगकर्ता, इंटरनेट के माध्यम से WhatsApp, Facebook, Instagram, Twitter, Etc. पर चैटिंग कर सकते हैं।
कंप्यूटर तथा इंटरनेट की सहायता से दो या अधिक अलग-अलग स्थानों पर स्थित व्यक्ति आपस में लाइव (Live) दृश्य (Video & Audio) संवाद स्थापित कर सकते हैं मानव भी एक साथ बैठे हो, इसे वीडियो कॉन्फ्रेंस कहा जाता है। इसमें कंप्यूटर, वेब कैमरा, माइक, स्पीकर तथा इंटरनेट तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसमें ध्वनि और चित्र को डिजिटल डाटा में परिवर्तित करके इंटरनेट के माध्यम से दूरस्थ कंप्यूटर तक भेजा जाता है। कंप्यूटर द्वारा डिजिटल डाटा को ऑडियो तथा वीडियो सिंगल में बदलकर स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कंप्यूटर पर मल्टीमीडिया के उपयोग का एक उदाहरण है।
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4) दोस्ती (Friendship)
इन्टरनेट पर बहुत से सोशल मीडिया साइट्स उपलब्ध हैं जहाँ से आप नए दोस्त बना सकते हैं और अपने पुराने दोस्तों के साथ जुड़ सकते हैं। आप फेसबुक, ट्विटर, इन्स्ताग्राम, आदि जैसे सोशल मीडिया साइट्स के जरिये अपने दोस्तों के साथ video calling, voice calling, chatting, के जरिये जुड़ सकते हैं या नए दोस्त भी बना सकते हैं।
5) शिक्षा (Education)
इंटरनेट की मदद से एजुकेशन यानी पढ़ाई भी किया जा सकता है। आजकल इंटरनेट पर बहुत से ऑनलाइन कोर्सेज available है जहां से आप कुछ भी सीख सकते हैं। इंटरनेट पर Online Courses और Workshop मिल जाएंगे जिनसे आप बहुत कुछ सीख सकते हैं और साथ ही Live Classes भी Attend कर सकते हैं।
कंप्यूटर तथा इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करके किसी व्यवसाय को संचालित करना ई-कॉमर्स कहलाता है। इसमें इंटरनेट के माध्यम से ग्राहकों तथा व्यापारियों से संपर्क स्थापित करना, उत्पादों का विज्ञापन करना तथा वस्तुओं और सेवाओं का क्रय-विक्रय करना आदि शामिल हैं। ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) ई-कॉमर्स का एक उदाहरण है। इसमें उत्पादों का विवरण कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध होता है।
टेक्नोलॉजी के साथ दुनिया भी बदल रही है, अब वह दिन गए जब शॉपिंग करने के लिए मार्केट और दुकानों में घूमना पड़ता था। अब आपको कोई भी चीज खरीदना है, तो आप अपने घर से ही इंटरनेट की मदद से उसे खरीद सकते हैं। अपनी मनचाही चीजें Internet के जरिए Online Order कर सकते हैं।
8) अनुसन्धान (Research)
इंटरनेट नेटवर्क का सबसे बड़ा Source होता है जहां पर लाखों करोड़ों की तादात में डाटा उपलब्ध होता है। इंटरनेट का इस्तेमाल लोग अपने रिसर्च के लिए भी करते हैं। इंटरनेट की मदद से किसी भी प्रकार का डाटा जैसे – files, documents, books, tools, etc. को प्राप्त किया का सकता हैं। इसलिए इंटरनेट के जरिए लोग research भी कर सकते हैं।
9) नौकरी (Job)
आप इंटरनेट की मदद से अपने लिए, अपनी मनपसंद जॉब तलाश कर सकते हैं। इंटरनेट पर ऐसी बहुत सी वेबसाइट हैं जहां से आप अपने लिए Job तलाश भी कर सकते हैं, और अगर आपको Employee चाहिए, तो Job प्रदान भी कर सकते हैं।
इंटरनेट की मदद से आप किसी भी भाषा में न्यूज देख और पढ़ सकते हैं, साथ ही यहां से आप मैग्जीन, बुक्स, आदि भी पढ़ सकते है। यहां पर आपको बहुत सी news की वेबसाइट मिल जाएंगी जहां से आप सभी खबरें फिर चाहें वो politics, sports, entertainment, weather, breaking news, etc. सभी ब्रेकिंग न्यूज आसानी से देख या पढ़ सकते हैं।
इन्टरनेट से आप अपनी पसंद की कोई भी चीज डाउनलोड या अपलोड कर सकते हैं। यहाँ पर आपको एसी बहुत सी वेबसाइट मिल जाएँगी, जहाँ से आप मूवीज, सोंग्स, वीडियोस, फाइल्स, डाक्यूमेंट्स, आदि डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा आप इमेजेज, फाइल्स, आदि को इन्टरनेट में अपलोड भी कर सकते हैं।
12) बुकिंग (Booking)
आज के समय में अगर आपको बस, ट्रेन या हवाई जहाज से सफर करना है तो उसके लिए आपको काउंटर पर जाकर लाइन लगाकर टिकट लेने की जरूरत नहीं है। अब आप घर बैठे ही इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन बस, ट्रेन या हवाई जहाज की टिकट बुक कर सकते हैं। अब तो टैक्सी की सुविधाएं भी शुरू कर दी गई है, आप ऑनलाइन ही Ola या Uber जैसी टैक्सी बुक कर सकत हैं। इससे आपका काफी समय बचता है। इतना ही नहीं, अगर आप पिक्चर देखने के शौकीन है, तो सिनेमा घर की टिकट भी आप ऑनलाइन बुक कर सकते हैं।
इंटरनेट के फायदे (Advantages of Internet)
➧ इंटरनेट की मदद से अपना संदेश ईमेल के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान तक तुरंत भेजा जा सकता है।
➧ इसके जरिए हम घर बैठे अपने सभी प्रकार के बिलों का भुगतान आसानी से कर सकते हैं। इंटरनेट के जरिए हम ऑनलाइन मोबाइल रिचार्ज, टेलिफोन बिल, DTH बिल, बिजली का बिल, इत्यादि का भुगतान कर सकते हैं।
➧ इसके जरिए हम घर बैठे ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं। इंटरनेट की मदद से हम घर बैठे ऑनलाइन कोई भी सामान आसानी से खरीद सकते हैं।
➧ इंटरनेट की मदद से हमारी टाइम की तो बचत होती ही है, साथ में हम इसके जरिए बहुत कुछ सीख भी सकते हैं।
➧ इंटरनेट की मदद से हम ऑनलाइन क्लासेस अटेंड कर सकते हैं और पढ़ाई किया जा सकता है।
➧ इसके जरिए हर प्रकार के इंफॉर्मेशन को ढूंढा जा सकता है और रिसर्च किया जा सकता है।
➧ इंटरनेट में सोशल मीडिया के जरिए हम अपने दोस्तों के साथ जुड़ सकते हैं, और नए दोस्त भी बना सकते हैं।
➧ इंटरनेट की मदद से किसी के भी साथ Chatting, Voice Calling के साथ साथ Video Calling भी कर सकते हैं।
➧ इसके जरिए आप ऑनलाइन मूवी देख सकते हैं, वीडियोस और गाने डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन गेम भी खेल सकते हैं।
➧ इसका एक सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि यहां पर आपको हर प्रकार के सवालों का जवाब आसानी से मिल जाता है।
➧ इंटरनेट की मदद से आप दुनिया से जुड़ सकते हैं। Latest News, Breaking News और हर प्रकार की खबर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
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इंटरनेट के नुकसान (Disadvantages of Internet)
➧ इंटरनेट का सबसे बड़ा नुकसान इसका लत है। अगर आपको इंटरनेट की लत लग गई, तो आपका काफी ज्यादा समय बर्बाद होने लगेगा।
➧ हैकर्स (Hackers) इंटरनेट की मदद से किसी के भी कंप्यूटर की डाटा को चुरा सकता है।
➧ इंटरनेट के जरिए कंप्यूटर में वायरस भी आते हैं। जिस कारण आपके कंप्यूटर का डाटा खराब हो सकता है और आपका कंप्यूटर स्लो भी हो सकता है।
➧ इंटरनेट पर लोग बिना कुछ सोचे बहुत सी चीजें शेयर कर देते हैं। फिर चाहे वह इंफॉर्मेशन सही हो या गलत। इससे लोगों तक गलत जानकारी पहुंचती है जिस कारण उन्हें नुकसान भी हो सकता है।
➧ इंटरनेट पर बहुत सी वेबसाइट है जहां पर अश्लील कंटेंट होते हैं। जिनका बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
➧ इंटरनेट के सही इस्तेमाल से आपका वक्त बचता है। लेकिन वहीं अगर इंटरनेट की लत लग जाए, तो इससे आपका वक्त बर्बाद भी होता है।
Nice post