Legal Remedies For Cheque Bounce | चेक बाउंस होने पर क्या करें – TechHindiGyan

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हैलो दोस्तों, आज के समय में जहाँ ज्यादा पैसो की लेनदेन होती हैं, वहां हम चेक का इस्तेमाल करते हैं। किसी से ज्यादा पैसे लेने हो या किसी इन्वेस्टमेंट की Maturity करनी हो, किसी दूकानदार से पैसे देने हो या किसी से पैसे लेने हो, अगर ज्यादा Amount हैं, यानी ज्यादा पैसे हैं तो वहां पर सभी Cheque का ही इस्तेमाल करते हैं। 

क्यूंकि इससे सिक्यूरिटी बनी रहती हैं। लेकिन इस दौरान कई बार Cheque Bounce भी हो जाती हैं। ऐसे में हमें क्या करना चाहिए। चेक बाउंस के बारे में सही जानकारी ना होने के कारण काफी परेशानी होती हैं। आपने चाहे किसी को चेक दिया हो, या किसी से चेक लिया हो, इस पोस्ट में आपको चेक बाउंस के बारे में पूसी जानकारी मिलेगी। 

Legal Remedies For Cheque Bounce | चेक बाउंस होने पर क्या करें - TechHindiGyan

What is Cheque ? (चेक क्या हैं?)

Cheque एक ऐसा Instrument हैं, जिसका इस्तेमाल लेनदेन करने के लिए होता हैं। इसे हम मोल – भाव करने का साधन भी कह सकते हैं। चेक का प्रयोग ज्यादातर रुपियों की सिक्यूरिटी के लिए किया जाता हैं। इसे अंग्रेजी में “Negotiable Instrument” कहा जाता हैं। जिसका अर्थ होता हैं – मोलभाव करने का साधन।


Definition of Cheque According to Wikipedia

A Cheque is a document that orders a bank to pay a specific amount of money from a person’s account to the person in whose name the cheque has been issued.

(Cheque) चेक एक प्रकार का दस्तावेज हैं, जो एक बैंक को किसी व्यक्ति के खाते से उस व्यक्ति को एक विशेष राशी के भुगतान करने का आदेश देता हैं। जिसके नाम पर चेक जारी किया गया हैं। उस व्यक्ति के अलावा किसी और को चेक की राशी का भुगतान बैंक द्वारा नहीं किया जायेगा। 

जिस व्यक्ति के द्वारा चेक जारी किया जाता है, उसे “Drawer” कहा जाता हैं। और चेक लेने वाले व्यक्ति को “Payee” कहा जाता हैं। कोई भी चेक जारी की गयी तारिक से 3 महीने तक मान्य होती हैं। 

Cheque Bounce Law (भारत में चेक बाउंस पर कानून)

अधिनियम की धरा 138 के अनुसार, चेक का बाउंस (Cheque Bounce) होना एक आपराधिक अपराध (Criminal Offence) हैं। और साथ ही दो साल तक के जेल या जुर्माना या दोनों के साथ दंडनीय हैं। चेक बाउंस होने पर सबसे पहले “Payee” अपने चेक के पैसो को लेने “Drawer” के पास जायेगा, जिसके बाद drawer को 15 दिनों के अंदर payee को रुपए देने होते हैं या तो दोबारा सही चेक जारी करना होता हैं। 

अगर इस दौरान payee को रुपए नहीं मिलती हैं, तो वो legal action ले सकता हैं और 30 दिनों के अंदर drawer को नोटिस भेज सकता हैं। Notice भेजने ने 1 महीने तक अगर drawer एस पर कोई ध्यान नहीं देता हैं, तो Payee, drawer के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा सकता हैं। जिसके बाद drawer को कानूनी सजा हो सकती हैं।


 Why Do Cheque Bounce (चेक बाउंस क्यों होते हैं?)

चेक बाउंस होने के कई कारण हो सकते हैं। जो निचे पॉइंट्स में बताये गए हैं। तो आप जब भी किसी से चेक ले रहे हो या फिर किसी को चेक दे रहे हो , हमेशा इन सभी बातों का ध्यान जरूर रखे, जो निचे पॉइंट्स में बताये गए हैं। ताकि भविष्य में आपको किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करनी पड़े। :-

1) जो चेक दिया गया है, उसका बैंक में अकाउंट ना होना। (No Such Account).

2) चेक में दी गयी राशी, अकाउंट में पर्याप्त ना होना। (Insufficient Balance).

3) Drawer का हस्ताक्षर मैच न करना। (Drawer Signature Differ).

4) चेक में दी गयी तिथि से पहले चेक बैंक में लगाना। (Cheque Post Dated).

5) चेक में कोई date mention ना होना। (Cheque Undated / without proper date).

6) चेक में नंबर और सब्दों में अलग अलग राशी लिखी हो। (Cheque Amount in words and figures are differ).

7) जो चेक दिया गया हैं, उसका बैंक में अकाउंट बंद हो गया हो। (Drawer’s Account Closed).

8) जो चेक दिया गया हैं, उसका बैंक में अकाउंट blocked हो। (Drawer’s Account Blocked).

9) चेक में दी गयी तिथि 3 महीने से ज्यादा हो गई हो। (Cheque Date Expired).

10) चेक में भरी गयी जानकारी गलत होना। (Cheque Wrongly Filled).

11) चेक का ख़राब या फटा हुआ होना। (Cheque Cracked).

12) drawer का अकाउंट दुसरे ब्रांच में ट्रान्सफर होना। (Account Transfer to another branch).

What Happens When Cheque Bounce (चेक बौंच होने पर क्या होता हैं)

अब हम एक उदहारण की मदद से समझेंगे कि चेक बाउंस होने पर क्या होता हैं। e.g. – मान लीजिये नरेन्द्र ने अपने ICICI Bank का चेक श्याम को दिया हैं। और श्याम का अकाउंट Axis Bank में हैं। इस प्रकार नरेन्द्र “Drawer” और श्याम “Payee” हुए। 

किसी कारण से ये चेक बाउंस हो गया। अब Drawer’s बैंक यानी नरेन्द्र की ICICI Bank, Payee के बैंक यानी श्याम के Axis Bank को Cheque Return Memo के साथ इसके बाउंस होने का proper reason भेजेगा।

अब Axis Bank payee को यानी की श्याम को Cheque Return Memo, cheque bounce होने का proper reason, और Cheque वापस कर देगी। तो चेक बाउंस होने के बाद ये पूरा प्रोसेस होता हैं। अब Payee यानी श्याम, Drawer यानी नरेन्द्र के पास Cheque Return Memo With Original Cheque भेजेगा। 

उसके बाद नरेन्द्र को 15 दिनों के अंदर श्याम को कैश पैसे या तो सही चेक देने होंगे। अगर उसके बाद नरेन्द्र इसपर ध्यान नहीं देते हो श्याम, नरेन्द्र के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं।


What to do if Cheque Bounce (चेक बाउंस होने पर क्या हैं)

यहाँ तक पोस्ट पढ़ कर आप समझ गए होने कि चेक बाउंस होने पर क्या करना चाहिए। लेकिन मैं आसान सब्दों में इसे समझाने की कोशिश करूँगा, जिससे की आप और ज्यादा आसानी से इसे समझ सकें। अगर किसी कारण से आपका चेक बाउंस हो जाता हैं, तो सबसे पहले बैंक आपको Cheque Return Memo , चेक बाउंस होने का कारण और Cheque आपको वापस कर देगी।

अब आप Drawer को यानी की चेक जिसने जारी किया था उसके पास Cheque Return Memo , चेक बाउंस होने का कारण और Original Cheque के साथ नोटिस भेजेंगे। याद रखें कि चेक रिटर्न मेमो मिलने के बाद 30 दिनों के अंदर drawer को नोटिस भेजनी होती हैं। अब नोटिस मिलने से 15 दिनों में ही drawer को पैसे वापस करने होते हैं।

अब drawer 15 दिनों में या तो payee को रूपए कैश देगा या तो दोबारा से एक सही चेक देगा। अगर 15 दिनों में payee को पैसे नहीं मिलते हैं, तो आप (Payee), drawer के खिलाफ सिकायत दर्ज करवा सकते हैं। आपके द्वारा मुकदमा दर्ज करवाने पर drawer को जुर्माना देना पढ़ सकता हैं या फिर जेल भी हो सकती हैं। या तो जुर्माने के साथ साथ जेल दोनों हो सकती हैं।

What Punishment if Cheque Bounce (चेक बाउंस होने पर क्या सजा हैं)

Cheque Bounce होने पर Drawer को कानूनी सजा हो सकती हैं। क्यूंकि Negotiable Instruments Act. 1881 Section 138 के अनुसार चेक का बाउंस होना आपराधिक अपराध (Criminal Offence) हैं। इसा होने पर drawer को जुर्माना देना पढ़ सकता हैं या फिर 2 साल तक की जेल हो सकती हैं। अगर मामला कोर्ट (Court) में चला जाता हैं तो drawer को चेक की दोगुना रकम देनी होती हैं। drawer को इनमे से कौनसी सजा मिलेगी ये बात मामले की गंभीरता पर निर्भर करती हैं। और रही बात आपके पैसो कि, तो कोर्ट / पुलिस आपको आपका पैसा drawer से दिलवा देगी।

Cheque Bounce Charges (चेक बाउंस होने पर चार्जेज)

चेक बाउंस होने पर बैंक वाले चार्जेज (Charges) भी कटते हैं। और ये चार्जेज Payee के अकाउंट से काटे (Deduct) जाते हैं। हर बैंक के चार्जेज अलग अलग होते हैं। चेक बाउंस होने के रीज़न (Reason) के अनुसार इसके चार्जेज अलग अलग होते हैं। मैं आपको कुछ बैंकों के चार्जेज निचे बता रहा हूँ। इससे आपको सभी बैंकों के चार्जेज का एक अंदाजा हो जायेगा। :- 

1) State Bank of India (भारतीय स्टेट बैंक) :- Rs. 300 to 500. 

2) ICICI Bank  :- Rs. 300 to 500. 

3) Axis Bank  :- Rs. 200 to 850.

4) HDFC Bank :- Rs. 350 to 750. 

5) Canara Bank :- Rs. 200 to 500. 

Conclusion

तो दोस्तों, अब आप समाज गए होंगे कि चेक बाउंस होने पर आपको क्या करना हैं। और चेक बाउंस के बारे में पूरी जानकारी भी प्राप्त हो गयी होगी। उम्मीद करता हूँ की आपको पोस्ट पसंद आई होगी। और मेरे बताये गए सभी बाते आपको समझ में भी आ गयी होंगी। 

अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है। पोस्ट पसंद आई हो तो प्लीज इस पोस्ट को अपने सभी दोस्तों के साथ सोशल मीडिया में जरूर शेयर करें। इसके अलावा THG को Follow करके सभी नए पोस्ट की जानकारी लगातार प्राप्त कर सकते है।

 Thanks / धन्यवाद

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