आज हम इस आर्टिकल में यूपीएस के बारे में बता रहे है। UPS क्या है? UPS का फुल फॉर्म क्या है? यूपीएस काम कैसे करता है? यूपीएस के प्रकार? यूपीएस के महत्व? इत्यादि। यूपीएस की संपूर्ण जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिल जाएगी।
अगर आप एक कंप्यूटर यूजर है तो आपने यूपीएस का नाम जरूर सुना होगा, और यूपीएस का उपयोग भी जरूर किया होगा। लेकिन क्या आपको इसका पूरा नाम पता है? UPS का full form क्या है? आज हम UPS के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे है।
UPS क्या है? (What is UPS?)
UPS एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है, जिसके अंदर इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स होते हैं, और साथ ही साथ इसमें एक बैटरी को भी कनेक्ट किया जाता है। यूपीएस का इस्तेमाल ज्यादातर कंप्यूटर के लिए किया जाता है।
इसका उपयोग तब किया जाता है जब इलेक्ट्रिक पावर सप्लाई बंद हो जाता है। जब मेन इलेक्ट्रिक पावर सप्लाई बंद हो जाता है, तब यूपीएस का उपयोग दूसरे डिवाइस को पावर सप्लाई देने के लिए किया जाता है।
कंप्यूटर में काफी महत्वपूर्ण डाटा और important files होते है, जिससे अचानक बिजली चली जाने पर डिलीट या खो जाने का दर होता है। इसी कारण UPS का उपयोग कंप्यूटर के लिए किया जाता है, जिससे कि बिजली चली जाने के बाद भी कुछ समय तक कंप्यूटर को पावर सप्लाई मिलती रहे, और यूजर द्वारा फाइल को आसानी से सेव किया जा सकें।
UPS को हिंदी में “अबाधित विद्युत आपूर्ति” कहा जाता है। यह एक ऐसा उपकरण है जो विद्युत से चलने वाले किसी उपकरण को उस स्थिति में भी सीमित समय के लिए विद्युत की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करता है, जब आपूर्ति के मुख्य स्रोत से विद्युत आपूर्ति उपलब्ध नहींं होती। – विकिपीडिया
The full name of UPS is Uninterruptible Power Supply or Source. It is an electrical apparatus that provides emergency power to a load when the input power source or mains power fails. – Wikipedia
UPS, main power supply fail हो जाने की स्थिति में भी कुछ समय तक कंप्यूटर को या दूसरी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को पावर सप्लाई करता है। इसके लिए UPS के अंदर एक बैटरी लगी होती है, जो बिजली चली जाने पर भी कुछ समय के लिए (short time period – 15 to 20 min) कंप्यूटर को इलेक्ट्रिसिटी प्रदान करती है।
मान लीजिए कोई यूजर कंप्यूटर पर कोई महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है और अचानक power cut हो जाए, तो ऐसी स्थिति में उसको काफी ज्यादा खानी होगी, उसको डाटा loss और हार्डवेयर damage जैसी समस्याएं आ सकती है।
वहीं अगर यूजर UPS का उपयोग करता है तो बिजली चली जाने पर, ये यूजर को कुछ समय के लिए battery backup प्रदान करता है। जिसमें यूजर अपने डाटा और फाइल्स को आसानी से save करके कंप्यूटर को सुरक्षित तरीके से shut down कर सकता हैं।
UPS का Full Form क्या है?
UPS का फुल फॉर्म “Uninterrupted Power Supply” होता है। और हिंदी में इसका फुल फॉर्म “अबाधित विद्युत आपूर्ति” होता है।
जिसका मतलब है, इस डिवाइस का उपयोग करके हम एक alternative power source प्राप्त कर सकते है। ये डिवाइस यूजर को continuous interruption free power supply प्रदान करती है।
UPS के प्रकार?
चलिए अब जानते है, UPS कितने प्रकार के होते है। मार्केट में कई प्रकार के यूपीएस उपलब्ध है। चलिए सभी प्रकार के यूपीएस के बारे में डिटेल में जानते है।
Standby UPS
Standby सबसे common types of UPS है। इस प्रकार के यूपीएस को पर्सनल कंप्यूटर में उपयोग किया जाता है। पहले ये main power के जरिए खुद को charge करता है। और जब main power cut होती है, तो ये consumed power को computer में supply करता है।
Line Interactive
Line Interactive UPS का उपयोग छोटे बिजनेस और सर्वर में किया जाता है। ये standby UPS से पूरी तरह अलग होता है। इस प्रकार के यूपीएस का काम वोल्टेज high या low होने पर प्रॉपर वोल्टेज प्रदान करना है।
ये यूपीएस दो तरह से काम करता है, पहला काम voltage को proper तरीके से regulate करना और दूसरा, main power के जरिए खुद को charge करके, power cut होने पर कंप्यूटर को पॉवर सप्लाई प्रदान करना।
Standby Online Hybrid
इस प्रकार के यूपीएस को on-line ups भी कहा जाता है। इस ups का इस्तेमाल 10 kva के अंदर किया जाता है। मतलब ये कि standby on-line hybrid यूपीएस में 10 kva का ही hybrid इस्तेमाल किया जाता है।
इसमें बैटरी के साथ साथ standby converter switch को भी on किया जाता है। और इस प्रकार के यूपीएस में line interactive ups की तुलना बैटरी को चार्ज करने वाला चार्जर छोटा होता है।
Double Conversion On-Line
Double Conversion UPS एक standard और common type of ups है, इनका उपयोग 10kva से ऊपर किया जाता है। नाम से ही अंदाजा हो जाता है कि ये दो बाद conversion करता है।
Double Conversion UPS में सबसे पहले input rectifier, AC power को DC power में कन्वर्ट करता है। और उसके बाद उसे आउटपुट इनवर्टर में फीड करता है।
इसके बाद दूसरे stage में output inverter DC power को फिर से AC power में कन्वर्ट करके connected device या equipment तक पॉवर सप्लाई करता है।
Delta Conversion On-Line
Delta Conversion UPS एक एडवांस टाइप का यूपीएस है। इसे, double conversion ups में सुधार करके अपग्रेड करते हुए बनाया गया है। और साथ ही double conversion ups के limitations और disadvantages को भी हटाया गया है।
Delta Conversion UPS में ऐसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है है, जो starting और ending point के बीच में package carry करके energy को save करता है। और साथ ही साथ Line UPS के वोल्टेज को प्रॉपर तरीके से maintain भी करता है।
UPS का कार्य क्या है?
चलिए point wise जानते है, यूपीएस के क्या क्या कार्य होते है।
- Main Power Cut होने पर UPS, कंप्यूटर को Power Supply करता है।
- UPS, कंप्यूटर को inefficient condition में alert भी देता रहता है।
- ये कंप्यूटर को short circuit से बचाता है।
- ये Unstable Source से power को control करता है।
- ये कंप्यूटर को सही ढंग से बंद करने और कंप्यूटर को बैटरी देने का कार्य करता है।
- ये कंप्यूटर में किसी प्रकार क्षति होने से सुरक्षा प्रदान करता है।
UPS कैसे काम करता है?
एक UPS तीन यूनिट के मदद से कार्य करता है, पहला है Rectifier, दूसरा है Battery और तीसरा है Inverter। जो कि यूपीएस के अंदर Inbuild होता है।
सबसे पहले rectifier का काम main electric power से AC current को यूपीएस में इनपुट करना होता है। इस प्रोसेस में यूपीएस के अंदर पहले AC current इनपुट होता है। इसके बाद Rectifier उस AC current को DC current में convert करती हैं।
चूंकि बैटरी को चार्ज करने के लिए DC करंट की आवश्यकता होती है, इसलिए रेक्टिफायर AC वोल्टेज को DC में कन्वर्ट करती है, और DC करंट को बैटरी में स्टोर करती है।
Rectifier की मदद से ही बैटरी में DC करंट स्टोर होता है, जिस कारण बैटरी चार्ज होती है। बैटरी की भूमिका यूपीएस में सबसे ज्यादा होती है, क्योंकि बैटरी में करंट स्टोर होता है, जिस कारण यूपीएस बाद में कंप्यूटर को पॉवर सप्लाई करने में सक्षम हो पाता है।
Main Power Cut होने पर बैटरी में स्टोर पॉवर डायरेक्ट कम्प्यूटर में सप्लाई नहीं किया जाता है, क्योंकि जो current बैटरी में स्टोर है, वो DC करंट होता है। जबकि कंप्यूटर को AC करंट की जरूरत पड़ती है। इसलिए UPS में इनवर्टर की जरूरत होती है। जो बैटरी में स्टोर DC पॉवर को दुबारा AC करंट में कन्वर्ट करती हैं।
Inverter की मदद से यूपीएस की बैटरी में स्टोर करंट को DC वोल्टेज से AC वोल्टेज में कन्वर्ट किया जाता है। इनवर्टर तब काम करना शुरू करती है, जब main power cut होता है। जैसे ही power cut होती है, तो तुरंत इनवर्टर बैटरी में स्टोर करंट को AC में कन्वर्ट करके, कंप्यूटर को पॉवर सप्लाई कर देती है।
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UPS और Inverter में अंतर?
UPS और Inverter दोनों का कार्य एक ही है। दोनों का कार्य power cut होने के बाद power supply करना है। तो ऐसे में ये जानना भी बहुत जरूरी है, कि आखिर यूपीएस और इनवर्टर में अंतर क्या है। चलिए जानते है:
- इनवर्टर पूरे घर की सप्लाई का load उठाने के लिए सक्षम होता है। जबकि यूपीएस को केवल कंप्यूटर की सप्लाई के लिए ही बनाया गया है। अगर यूपीएस को घर की सप्लाई के साथ जोड़ देंगे, तो ये काम नहीं कर पाएगा।
- Main Power Supply Cut होने पर Inverter भी कुछ माइक्रोसैकेण्ड के लिए बंद होता है, और फिर पूरे घर को power backup supply करता है, अगर इन्वर्टर से कंप्यूटर connect होगा तो उसी माइक्रोसैकेण्ड में आपका कंप्यूटर बंद हो जायेगा। वहीँ यूपीएस में power cut होने पर power backup बहुत तेज़ी से बनता हैं। power cut होने पर यूपीएस बंद नहीं होता हैं, और direct कंप्यूटर को पॉवर सप्लाई कर देता हैं। जिससे कंप्यूटर भी सुचारू रूप से चलता रहता हैं।
- इन्वर्टर का बैकअप यूपीएस के मुकाबले बहुत ज्यादा होता हैं। इन्वर्टर पूरे घर को सप्लाई देते हुए 7 से 8 घंटे का बैकअप देता हैं, जबकि यूपीएस केवल कंप्यूटर हो बैकअप देता हैं और इसका बैकअप टाइम मात्र 15 से 20 मिनट का ही होता हैं।
- Maintenance की बात करें तो यूपीएस में ना के बराबर maintenance करने की जरूरत होती हैं जबकि इन्वर्टर में हर 2 साल पर बैटरी बदलने कि जरूरत पढ़ती हैं, और समय समय पर पानी भी भरना पढता हैं।
- Investment के मामले भी दोनों में काफी अंतर है। बाज़ार में यूपीएस 1500 से 3000 के बीच में मिल जाता है। जबकि इनवर्टर के लिए 15000 से 20000 तक खर्ज करने होते है।
UPS इस्तेमाल करने के फायदे?
- अचानक power cut होने पर कंप्यूटर को बंद नहीं होने देता है, और ये कंप्यूटर को consumed power supply करता है।
- UPS के इस्तेमाल से, Power cut होने पर कंप्यूटर की files और data के loss होने का कोई खतरा नहीं रहता है।
- ये कंप्यूटर में प्रभावित होने वाली पॉवर को control करता है।
- ये कंप्यूटर में balanced electricity power प्रदान करता है।
- ये कंप्यूटर को current fluctuation से होने वाली loss से बचाता है।
- यूपीएस कंप्यूटर को अचानक बंद होने से बचाता है, जिससे कंप्यूटर के damage होने का खतरा नहीं होता है।
- ये किसी इमर्जेंसी के वक्त यूजर का काफी ज्यादा साथ देता है। यूजर कोई ऐसा कार्य कर रहा है, जिसमे केवल 15 मिनट का समय बचा है, और अचानक power cut हो जाए, तो ऐसे समय में ups एक अच्छा power source की तरह काम करता है।
UPS इस्तेमाल करने का नुकसान?
- UPS इस्तेमाल करने के लिए पहले एक यूपीएस बाज़ार से खरीदना होता है, जिसमे extra investment होता है।
- Infrastructure के अनुसार यूपीएस का उपयोग किया जाता है। ऐसे में आपको ये समझना जरूरी है कि कहां पर कौनसा ups इस्तेमाल किया जाता है।
- अलग अलग प्रकार के यूपीएस बाज़ार में उपलब्ध है, जो काफी महंगे भी होते है।
- अगर बड़ा infrastructure है, तो ज्यादा बैटरी वाला और बड़ा यूपीएस का इस्तेमाल करना होता है।
- इसकी बैटरी को समय समय पर maintenance के आवश्यकता पड़ती है।
- इसकी बैटरी कुछ समय बाद खराब है जाती है।
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तो दोस्तों, अब आप यूपीएस केे बारे जान गए होंगे, UPS क्या है? UPS का फुल फॉर्म क्या है? ये काम कैसे करता है? इत्यादि। उम्मीद करता हूँ कि आपको ये आर्टिकल पसंद आई होगी। और मेरे बताये गए सभी बाते आपको समझ में भी आ गयी होंगी।
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